जो लोग किसी से प्यार करते है वह कभी भी अपने प्रेमी/प्रेमिका से अलग नहीं होना चाहते है| लेकिन कई बार देक गया है की जब कोई लड़का किसी से लड़की से प्यार करता है| तो वह अपनी प्रेमिका के हर एक ख़ुशी का ध्यान रखता है| और अपनी प्रेमिका की जरूरतों को पूरा करता है| लेकिन कई बार ऐसा भी होता है| कि जिस लड़की से लड़का प्यार करता है या पसंद करता है| उसकी प्रेमिका के साथ लड़ाई हो जाती है| जिसे की वह रुठ जाती है लड़का अपनी रूठी हई प्रेमिका को मनाए का पूरा कोशिश करता है| लेकिन वह कामयाब नहीं हो पता है| इस लिए लड़का रूठी हुई प्रेमिका को कैसे मनाये का उपाय करता है|
रूठी हुई प्रेमिका को कैसे वापस पाएं
जब भी किसी लड़के के प्रेमिका उससे नाराज हो जाती है या दूर हो जाती है| तो लड़का बहुत ज्यादा परेशां होने लग जाता है| और अपनी प्रेमिका को मनाने की कोशिश करता है| जिसे की वह पानी रुठि हई प्रेमिका को मना सके| लेकिन उसकी प्रेमिका अपनी बॉयफ्रेंड की कोई बात नहीं मानती और न ही उसके साथ रहना पसंद करती है| लड़का अपनी प्रेमिका को मनाने की हर तरह का कोशिश करता है| लेकिन प्रेमिका मानाने की तैयार नहीं होती है|
रूठी हुई प्रेमिका को वापस पाने का उपाय
आज हम आप को एक ऐसा उपाय के बारे में बता रहे है जिसे की आप अपने रुठि हुयी प्रेमिका को आसानी से मन सकते है और अपने वश में कर सकते है| तो क्या आप की प्रेमिका के साथ किसी बात पर बहस या लड़ाई झगड़ा हो गया है जिसे की वह आप से रूठ कर आप से दूर चली गयी है और आप से बात करना छोड़ दिया है| तो अब आप को परेशान होने की कोई जरुरत नहीं है| आप आज ही हमारे बाबा जी से मिले| बाबा जी का रूठी हुई प्रेमिका को कैसे मनाये का तरीका का इस्तमाल करे| इस उपाय के करने के बाद आप आप की जो प्रेमिका आप से रूठ गयी है वह खुद आप से मिलने के लिए आएगी और आप के बिना एक पल के लिए भी दूर नही जायेगी| इस उपाय की जानकारी के लिए आज ही हमारे बाबा जी से मिले|
“रुठी हुई स्त्री का वशीकरण ,” मोहिनी माता, भूत पिता, भूत सिर वेताल। उड़ ऐं काली ‘नागिन’ को जा लाग। ऐसी जा के लाग कि ‘नागिन’ को लग जावै हमारी मुहब्बत की आग। न खड़े सुख, न लेटे सुख, न सोते सुख। सिन्दूर चढ़ाऊँ मंगलवार, कभी न छोड़े हमारा ख्याल। जब तक न देखे हमारा मुख, काया तड़प तड़प मर जाए। चलो मन्त्र, फुरोवाचा। दिखाओ रे शब्द, अपने गुरु के इल्म का तमाशा।”
विधि- मन्त्र में ‘नागिन’ शब्द के स्थान पर स्त्री का नाम जोड़े। शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से ८ दिनपहले साधना प्रारम्भ करे। एक शान्त एकान्त कमरे में रात्रि मे १० बजे शुद्ध वस्त्र धारण कर कम्बल के आसन पर बैठे। अपने पास जल भरा एक पात्र रखे तथा ‘दीपक’ व धूपबत्ती आदि से कमरे को सुवासित कर मन्त्र का जप करे। ‘जप के समय अपना मुँह स्त्री के रहने की स्थान /दिशा की ओर रखे। एकाग्र होकर घड़ी देखकर ठीक दो घण्टे तक जप करे। जिस समय मन्त्र का जप करे, उस समय स्त्री का स्मरण करता रहे। स्त्री का चित्र हो, तो कार्य अधिक सुगमता से होगा। साथ ही, मन्त्र को कण्ठस्थ कर जपने से ध्यान केन्द्रित होगा। इस प्रयोग में मन्त्र जप की गिनती आवश्यक नहीं है। उत्साह-पूर्वक पूर्ण संकल्प के साथ जप करे।